सूत्रों के मुताबिक~स्कूल,कॉलेज और विश्विद्यालयों में टीचिंग व नॉन-टीचिंग स्टाफ़ की उपस्थिति इसलिए अनिवार्य की गई है ताकि वे गेट पर खड़े होकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कोरोना अंदर न आ जाए,और यदि गलती से दीवार आदि फांदकर आ भी गया, तो टीचर्स अपनी-अपनी प्रोक्टोरियल ड्यूटी के दौरान तुरंत धरपकड करेंगे और आगामी कार्यवाही के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग,पुलिस व प्रशासन को अतिशीघ्र सूचित करेंगे😀: ईश्वर की असीम अनुकम्पा और आवरण से टीचर्स को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं। यह अजर-अमर,अविनाशी होते हैं।वस्तुतः शिक्षक मनुष्य से भी ऊपर के उच्च कोटि के प्राणी होते हैं।
शीघ्र ही सरकार टीचर्स को 'महामानव' का दर्जा देने पर भी विचार कर रही है।😃😃😃😃